तांबे की बोतल से पानी पीने के 12 गुणकारी फायदे
तांबे की बोतल में पानी पीने के फायदे लेने के लिए इसे अच्छी तरीके से इस्तेमाल करना आना चाहिए और स्वस्थ तरीके से रखना चाहिए।
भारतीय संस्कृति में तांबा सदियों से इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन प्लास्टिक आने के बाद इसका इस्तेमाल कम हो गया है। लेकिन प्लास्टिक की चीजों पर पाबंदी होने के कारण यह धातु दोबारा से लोगों की नजर में आ गया है। तांबे में प्राकृतिक रूप से पानी शुद्ध रखने की क्षमता होती है और इसके साथ ही इसमें एंटी- माइक्रोबियल, एंटी- बैक्टीरियल और एंटी- इंफ्लामेट्री खूबियां मौजूद हैं। तांबे का पानी शरीर में हीट प्रोड्यूज करता है और पानी का पीएच बैलेंस करने में मदद करता है।
आयुर्वेद के अनुसार, तांबा शरीर के तीन दोश बैलेंस करने में मदद करता है- वाटा, पीता, कापा और इसे तमार जल कहा जाता है। तांबा अधिकतर बिजली, घर के समान, ट्यूब और पाइप में इस्तेमाल किया जाता है। और हाल ही में तांबे की बोतल से पानी पीना सेहतमंद आदतों में शामिल हो गई है। आपने अपने बुजुर्गों को रातभर के लिए तांबे के लोटे या जग में पानी रखकर सोते हुए देखा होगा और तांबे के जग से पानी पीते हुए भी देखा होगा।
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विषय सूची
तांबे की बोतल से पानी पीने के फायदे
1. एंटी- वायरल गुण
पिछले कुछ महीनों से संदिग्ध बीमारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में कहर कर रखा है। हाल ही में 17 मार्च, 2020 को एक अध्ययन कोविड- 19 पर आधारित राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान, सीडीसी, यूसीएलए और प्रिंसटन विश्वविद्यालय वैज्ञानिक, न्यू इंगलैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन जारी किया है। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने यह बताया है कि कोविड- 19 का वायरस किन धातु पर कितनी देर रहता है जैसे कि कार्डबोर्ड, प्लास्टिक, स्टेनलेस स्टील और तांबा। अध्ययन में यह बताया गया है कि कोविड- 19 वायरस प्लास्टिक और स्टेनलेस स्टील पर 2-3 दिन तक रहता है और तांबे पर सिर्फ 4 घंटे तक रहता है। तांबे में एंटी- वायरल खूबियां होती हैं जो कई इंफेक्शन से बचाव करने में मदद करती हैं। क्या आपको नहीं लगता है कि अब यह सही समय है सामान्य बोतल से तांबे की बोतल बदलने का?
2. वायरस से दूर
इससे पहले साइंस डेली के अनुसार साउथम्पटन विश्वविद्यालय के द्वारा की गई नई रिसर्च में यह बताया गया है कि कॉपर सांस के वायरस को फैलने नहीं देते हैं। इस वायरस से कई गंभीर सांस की बीमारी हो सकती हैं। दी मिडल ईस्ट रेस्पिरेट्री सिंड्रोम रिसर्च में यह दावा किया गया है कि ”कोरोना वायरस- 229 ई का इंफेक्शन सामान्य स्तर पर कई दिनों तक रहता है लेकिन तांबे पर जल्दी से नष्ट हो जाता है”।
3. एंटी- माइक्रेबियल और एंटी- बैक्टीरियल गुण
तांबे में ऐसी क्षमता होती है कि यह बैक्टीरिया और वायरस खत्म करने में मदद कर सकता है। कॉपर आयन अंदर जाते हैं और डीएनए / आरएनए को खत्म कर देते हैं और बढ़ने से रोकते हैं।
स्वास्थ्य जर्नल, जनसंख्या और पोषण वैज्ञानिकों के द्वारा किए गए अध्ययन में माइक्रोबियल रूप से दूषित पानी पर तांबे के बर्तन में पानी के प्रभाव को बताया गया है। तांबे के बर्तन में 16 घंटो तक सामान्य तामपान में पानी रखने पर भी कोई बैक्टीरिया नहीं मिला है। पुराने जमाने में लोग तलाब और नदी में तांबे के सिक्के फेंकते थे जिसको कल्पित कथा माना जाता था, लेकिन ऐसा नहीं है। ऐसा पानी में रहने वाले जानवरों के लिए किया जाता था। इसी अध्ययन में यह भी बताया गया है कि पानी में क्षारीय (alkaline) और पीएच लेवल बढ़ता हुआ नज़र आया है। डब्लूएचओ ने यह भी बताया है कि पानी में बहुत ज्यादा तांबा भी नहीं था।
4. इंफेक्शन
ताकतवर एंटी- बैक्टीरियल धातु होने के कारण तांबे की बोतल खतरनाक इंफेक्शन से बचाव करने में मदद करता है। दक्षिण कैरोलिना विश्वविद्यालय के वैज्ञानिको ने बताया है कि ‘आईसीयू में एंटी- माइक्रोबियल तांबे की सतह होने से 95% बैक्टीरिया मर जाते हैं जो अस्पताल से इंफेक्शन हो सकते हैं, ऐसा करने से 40% इंफेक्शन होने के आसार कम हो जाते हैं’। अस्पताल में तांबे की सतह होने से मरीज सुरक्षित रहते हैं।
5. स्वस्थ डाइजेशन
स्वस्थ डाइजेशन के लिए सही मात्रा में पानी पीना जरूरी है। जब आप तांबे की बोतल में पानी रखते हैं तब तांबे की खूबियां पानी में आ जाती हैं और इन खूबियों से खाने के टूटने में मदद मिलती है और जरूरी आहार अब्जॉर्ब करने में भी मदद मिलती है। तांबा बैक्टीरिया खत्म और साफ करता है। तांबे की बोतल से पानी पीने से लिवर और किडनी अच्छे से काम करती है और डाइजेशन सुधरने में सहायता करता है। तांबे की मदद से शरीर से गंदगी निकलने में सहायता मिलती है और पेट से जुड़ी परेशानियां भी दूर रहती हैं जैसे कि गैस, एसिडिटी, अपच और पेट के छालें।
6. स्ट्रांग इम्यूनिटी
हमारे शरीर के हर टिशू में तांबा पाया जाता है। यह रेड ब्लड सेल प्रोड्यूज करता है और नर्वस सेल सही से रखने में मदद करता है। यह कोलेज प्रोडक्शन, आयरन अब्जॉर्बशन और एनर्जी इकठ्ठा करता है जिससे इम्यून सिस्टम सुधारने में मदद करता है। 19वीं सदी में जब हैजा की बीमारी फैली थी तब फ्रांच के डॉक्टर ने नोटिस किया था कि तांबा पिघलाने वाली जगह पर काम करने वाले लोगों को हैजा नहीं हुआ था। यह भी पता चला कि जो लोग रोजाना तांबा से जुड़ा काम करते हैं उन लोगों को इंफेक्शन नहीं हुआ था।
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7. थाइरॉयड बैलेंस
जैसे ज़िंक, कॉपर थाइरॉयड ग्रंथि को बैलेंस करने में मदद करता है वैसे ही अध्ययन में बताया गया है कि टी3 और टी4 लेवल थाइरॉयड हार्मोन कॉपर लेवल से बहुत करीब से जुड़े हुए हैं। यह थाइरॉयड हार्मोन लेवल को सामान्य बनाए रखता है और मेटाबोलिज्म और शरीर के तापमान को भी सामान्य बनाए रखता है।
8. वेट लॉस
ऊर्जा विभाग के लॉरेंस बर्कले राष्ट्रीय प्रयोगशाला की रिसर्च टीम ने यह बताया है कि फैट सेल को तोड़ने के लिए तांबा जरुरी होता है जिसको एनर्जी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। वजन कम करने के लिए सामान्य मात्रा में पानी पीना जरूरी है और यह और भी लाभदायक हो सकता है अगर पानी की सेवन तांबे की बोतल से किया जाए।
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9. मेलेनिन प्रोडक्शन
मेलेनिन हमारी त्वचा, बाल और आंखों को रंग प्रदान करता है। यह सूरज के किरणों से, निशान हल्के करने में और घाव भरने में मदद करता है। तांबे की बोतल से पानी पीने से सेल बनते हैं जिससे त्वचा का सबसे ऊपरी हिस्सा आयरन अब्जॉर्ब करने में मदद करता है।
10. एनिमिया
कॉपर ऐसा मिनरल है जिसको बहुत सारे शरीर के अंगों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इससे आयरन अब्जॉर्ब होता है जिससे हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ने में मदद मिलती है। तांबे का पानी पीने से शरीर में खून का बहाव भी सही बना रहता है।
11. हाइपर टेंशन
कॉपर का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम रहता है जिससे ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कने सामान्य बनी रहती है। कॉपर की कमी होने से हीमोग्लोबिन की कमी हो सकती है जिससे एनिमिया हो सकता है। एनिमिया होने से दिल की बीमारी और ब्लड प्रेशर की बीमारी हो सकती है।
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तांबे की बोतल के अन्य फायदे
- सबसे पहले यह जानें कि तांबे की बोतल क्या सच में तांबे से बनी हुई है। आपको सही तांबे की बोतल खरीदने की सलाह दी जाती है क्योंकि फैंसी बोतल अशुद्ध बोतल का भी रूप ले सकती हैं।
- पहली बार तांबे की बोतल इस्तेमाल करने से पहले इसे अच्छे से धो लें। इसको नींबू के रस, इमली का पानी या फिर बैकिंग सोडा से धो सकते हैं।
- वैसे को तांबे की बोतल से पानी कभी भी पी सकते हैं। लेकिन तांबे की बोतल में पानी रातभर रखना चाहिए और सुबह सबसे पहले खाली पेट तांबे की बोतल से पानी का सेवन करना चाहिए।
- तांबे की बोतल में पानी कमरे के तापमान में रखना चाहिए। इसमें पानी गर्म या ठंडा नहीं रखना चाहिए।
- तांबे की बोतल फ्रिज में ना रखें।
- तांबे की बोतल में पानी के अलावा कुछ भी ना रखें क्योंकि किसी और धातु से एसिडिक असर हो सकता है।
- दिन में 2-3 बार तांबे की बोतल से पानी का सेवन करना काफी होता है।
- आमतौर पर कॉपर की कमी बहुत कम होती है। अगर आपने 1 महीने तक रोजाना तांबे की बोतल से पानी का सेवन कर लिया है तो कुछ दिनों के लिए सेवन रोक दें और फिर कुछ महीनों बाद दोबारा शुरु कर सकते हैं।
- 2-3 साल में तांबे की बोतल बदलने की सलाह दी जाती है।
तांबे की बोतल कैसे साफ करें
- रोजाना तांबे की बोतल अच्छे ले धोएं। शुद्ध तांबे की बोतल में ऑक्सीकरण हो सकता है जिसको बोतल पर आसानी से देखा जा सकता है जो सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। अगर आप रोजाना तांबे की बोतल साफ नहीं करेंगे तो आपको पानी में अजीब सा स्वाद आएगा। तांबे के बर्तन सामान्य बर्तन की तरह ना धोएं। इसको सामान्य बर्तन धोने वाले डिशवॉश से ना धोएं।
- तांबे की बोतल साफ करने के लिए इमली का मिश्रण, नींबू का रस या बैकिंग सोडा का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन तीनों सामग्री में से कुछ भी इस्तेमाल करें और कुछ मिनटों के लिए रख दें और फिर पानी से अच्छे से धो लें।
तांबे की जरूरत
रोजाना 900 एमसीजी माइक्रोग्राम कॉपर का सेवन करने की सलाह दी जाती है। 19 साल से ज्यादा उम्र वाले लोगों को 10,000 एमसीजी है। 10 मिलीग्राम (एमजी) से ज्यादा कॉपर का सेवन हानिकारक हो सकता है। हालांकि कॉपर की कमी बहुत कम होती है और लक्षण दिखाने में भी समय लगता है। कॉपर की कमी से कई बीमारियां हो सकती हैं जैसे कि एनिमिया, शरीर का तापमान कम होना, हड्डी टटना, त्वचा का रंग खोना, थाइरॉयड की दिक्कत, ऑस्टियोपोरोसिस आदि। नीचे दी गई स्थिति में भी कॉपर की कमी हो सकती है।
- आनुवंशिकी दोष (Genetics defects) कॉपर मेटाबोलिज्म की।
- अब्जॉर्बशन की दिकक्त।
आखिर में
सभी मिनरल्स की तरह कॉपर भी शरीर को सही से काम करने में मदद करता है। तांबे की बोतल में पानी पीने के कई फायदे हैं। हाल ही के समय में तांबे की बोतल में पानी पीने के फायदे पॉपुलर हो गए हैं। तांबे की बोतल से पानी पीने के फायदे लेने के लिए जरुरी है कि इसकी देखभाल भी अच्छे से की जाए। तांबे की बोतल को सही से ना रखने पर नुकसान भी हो सकते हैं। तांबे की बोतल और अपनी सेहत को अच्छे तरीके से रखें।
FAQs
तांबे की बोतल के फायदे से जुड़े दिलचस्प सवालों के जवाब यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
1. क्या तांबे की बोतल से रोजाना पानी पी सकते हैं?
रोजाना 2-3 बार तांबे की बोतल से पानी पीना सेहतमंद है। अधिक लाभ लेने के लिए रातभर के लिए तांबे की बोतल में पानी रखें और फिर सुबह खाली पेट पानी का सेवन करें। रोजाना तांबे की बोतल से पानी पीने के बाद 1 महीने के बाद तांबे की बोतल से पानी ना पिएं और फिर चाहें दोबारा तांबे की बोतल से पानी पीना शुरू कर सकते हैं।
2. एक दिन में कितनी मात्रा में तांबे की बोतल से पानी की सेवन करना चाहिए?
एक दिन में 2 से 3 बार तांबे की बोतल से पानी पी सकते हैं। कुछ दिन तक रोजाना तांबे की बोतल से पानी पीने के बाद 1 महीने का ब्रेक लें और फिर दोबारा तांबे की बोतल से पानी पीना शुरू कर सकते हैं।
3. तांबे की बोतल से पानी कब पीना चाहिए?
तांबे की बोतल से अधिकतर लाभ लेने के लिए रातभर तांबे की बोतल में पानी डालें और फिर सुबह खाली पेट तांबे की बोतल से पानी का सेवन करें।
4. क्या तांबे का पानी किडनी के लिए अच्छा होता है?
कॉपर, शरीर साफ करने के लिए जाना जाता है। कॉपर का सेवन करने से किडनी और लिवर साफ होने में मदद मिलती है। जब तांबे की बोतल में पानी रखा जाता है तब सारे मिनरल पानी में आ जाते हैं जो शरीर साफ करने में मदद करते हैं।
5. क्या तांबे का पानी त्वचा के लिए अच्छा होता है?
कॉपर एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है और यह फ्री रेडिकल से लड़ने में मदद करता है। तांबे का पानी पीने से नए सेल प्रोड्यूज होते हैं और पुराने सेल की जगह ले लेते हैं।