हल्दी और करक्यूमिन में क्या अंतर है (What Is The Difference Between Turmeric And Curcumin)
दक्षिण एशियाई में खाना बनाने के लिए हल्दी को बहुत ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी को इसके रंग, फ्लेवर और खुशबू के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हल्दी के फायदे होने के कारण इसको आयुर्वेद में प्राचीन औषधीय परंपराओं में इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन जब आप हल्दी के बारे में और गहराई से बात करेंगे तो आप यह जरुर सोचेंगे कि हल्दी का पीला रंग और खुशबी किस कारण होती है। क्या इसके पीले रंग और तीखी खुशबू के पीछे कोई कंपाउंड है?
हां, ऐसा है। हल्दी के फायदे, रंग और खुशबू के पीछे करक्यूमिन नाम का कंपाउंड है। इस बात को ध्यान में रखते हुए बता दें कि हल्दी और करक्यूमिन एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। हल्दी से आप करक्यूमिन ले सकते हैं और करक्यूमिन लेने के आधार में अदरक दूसरे नंबर पर आता है। करक्यूमिन प्राकृतिक रूप से आता है और वहीं दूसरी तरफ हल्दी, पौधे की जड़ है जिसको करकुमा लोंगा (Curcuma longa) कहा जाता है। हल्दी की जड़ में 2 से 5% तक करक्यूमिन होता है।
करक्यूमिन कितना फायदेमंद हो सकता है? (How Beneficial Can Curcumin Be?)
करक्यूमिन को सबसे महत्तवपूर्ण और एक्टिव सामग्री माना जाता है जो हल्दी के चमकदार पीले रंग और तीखी खुशबू का कारण है। इसके अलावा हल्दी के फायदे अधिकतर इसके कारण ही हैं। लेकिन इससे यह नहीं कहा जा सकता है कि हल्दी के खुद के फायदे नहीं हैं। इसके अलावा हल्दी में कई और पौधों के गुण होते हैं जो बहुत लाभदायक है।
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करक्यूमिन, फंगल का जन्म नहीं होने देता है और साथ ही टिशू में सूजन को भी कम करने में मदद करता है। इसकी खूबी के कारण यह बढ़ती उम्र की बीमारी जैसे कि गठिया, भूलने की बीमारी, पागलपन से बचाव करता है।
हल्दी और करक्यूमिन, दोनों ही खराब कोलेस्टॉल और बुरे कोलेस्टॉल का सही बैलेंस बनाए रखने में मदद करते हैं और दिल से जुड़ी बीमारी होने के आसार को कम कर देते हैं।
क्या करक्यूमिन, हल्दी के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद है? (Can Curcumin Be More Beneficial As Compared To Turmeric?)
हल्दी के फायदे अधिकतर इसमें मौजूद करक्यूमिन के कारण हैं। इसको देखते हुए हम यह कह सकते हैं कि करक्यूमिन के अपने ही कई सारे फायदे हैं। करक्यूमिन में एंटी- इंफ्लामेट्री, एंटी- फंगल और ब्लड शुगर लेवल को कम रखने की खूबी है। यह उन लोगों के लाभदायक है जो टाइप- 2 डायबटीज से गुजर रहे हैं।
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सही कहे तो ऐसा कोई भी अध्ययन नहीं है जिसमें हल्दी को करक्यूमिन से या फिर करक्यूमिन को हल्दी से ऊपर रखा गया है। हालांकि हल्दी में करक्यूमिन पाए जाने से यह फायदे बहुत लाभदायक हैं। सही मात्रा में अगर हल्दी को खाया जाए तो इसमें 1 ग्राम करक्यूमिन होता है जो अपने फायदे 8 से 12 हफ्तों के बीच दिखाना शुरु कर देता है।
वहीं दूसरी तरफ देखा जाए तो ज्यादा मात्रा में करक्यूमिन का सेवन करने से पाचन शक्ति से जुड़ी परेशानी हो सकती है जैसे कि अपच, सूजन, दस्त आदि। इसलिए करक्यूमिन का सेवन करने की मात्रा का खास ध्यान रखना चाहिए।
आखिर में
इस आर्टिकल के आखिर में यह कहा जा सकता है कि हल्दी और करक्यूमिन के अलग- अलग फायदे बताना थोड़ा मुश्किल है क्योंकि यह दोनों अधिकतर एक साथ ही होते हैं। अगर आपको हल्दी का स्वाद नहीं चाहिए है तो आप सिर्फ करक्यूमिन के अर्क (curcumin extracts) को भी खा सकते हैं। लेकिन ऐसा करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरुरी लें। करक्यूमिन एंटीऑक्सीडेंट और एंटी- इंफ्लामेट्री की खूबी के साथ आता है जिसको साबित भी किया गया है, यह फ्री रेडिकल से लड़ने में मदद करता है। लेकिन करक्यूमिन के फायदे तभी आपको ज्यादा मिलेंगे जब आपको इसका सेवन हल्दी के साथ करेंगे।
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