बेस्ट हेल्दी ड्रिंक- मिश्री रिव्यू (Best Health Drinks in India – Mishry Reviews)
Best Health Drinks in India-mishry

बेस्ट हेल्दी ड्रिंक- मिश्री रिव्यू (Best Health Drinks in India – Mishry Reviews)

बच्चों और एक्टिव लोगों के लिए हेल्थ ड्रिंक एनर्जी लेने का एक अच्छा माध्यम है। हमने 8 ब्रांड का रिव्यू किया है और इनके प्रोटीन, एनर्जी और शुगर सामग्री के आधार पर टेस्ट किया है।

भारतीय होने के नाते ‘तन की शक्ति, मन की शक्ति’ या ‘टॉलर, स्ट्रोंगर, शापर’ जैसे नारे हमारे ज़हन में बसे हुए हैं। हेल्थ ड्रिंक आमतौर पर आहार बढ़ाने वाले ड्रिंक्स के तौर पर देखे जाते हैं। इसका इस्तेमाल दूध में फ्लेवर लाने के लिए और रोज़ाना के खाने में आहार की कमी को पूरा करने के लिए किया जाता है। एक्स्ट्रा आहार डालने का मतलब है कि अच्छी इम्युनिटी, बीमारी से जल्दी ठीक होना और एनर्जी से भरपूर रहना है। वैज्ञानिक अध्ययनों में यह दिखाया गया है कि जो बच्चें हेल्थ ड्रिंक पीते हैं उनमें बेहतर माइक्रोन्यूट्रिएंट प्रोफाइल होती है।

आहार की जानकारी को ध्यान में रखते हुए हमने मार्किट में आसानी से मिलने वाली हेल्थ ड्रिंक का रिव्यू किया है। आइए देखते हैं इस रिव्यू का विजेता कौन है।

मिश्री रिव्यू- बेस्ट हेल्थ ड्रिंक

टॉप पिक- बड़े बच्चों के लिए- बूस्ट

बूस्ट

बूस्ट में सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाया गया है जिस कारण से यह बच्चों के दूध में फ्लेवर लाने के लिए रोज़ाना इस्तेमाल करने के लिए अच्छा ऑप्शन है।

मात्रा- 450 ग्राम, कीमत- 230/- रुपए*

*कीमत रिव्यू के समय

किन कारण से बूस्ट हमारा टॉप पिक है
बड़े बच्चों के लिए बूस्ट हर तरह से विजेता है। जो बड़े बच्चें अपने दूध में फ्लेवर लाने के लिए हेल्थ ड्रिंक ढूंढ रहे हैं वो बच्चें इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।
हालांकि बाकी ब्रांड के दावेदारों के मुकाबले इसमें शुगर सामग्री ज्यादा है, लेकिन इसमें प्रोटीन सबसे ज्यादा मात्रा में है।
माल्टेड जौ में सबसे ज्यादा आहार पाया जाता है। बूस्ट ही सिर्फ ऐसा प्रोडक्ट है जिसको जौ और गेहूं माल्ट से बनाया गया है।
सर्विंग साइज इसका 20 ग्राम है जो किफायती है।
जब दवाई का सेवन बच्चों में बढ़ जाता है तब बीमारी से ठीक होने के समय बूस्ट मदद करता है।

रनरअप- कॉमप्लान

किन कारण से हम कॉमप्लान की सलाह देते हैं
एक्टिव बच्चों के लिए कॉमप्लान अच्छा ऑप्शन है। खेलने के बाद इस ड्रिंक को पी सकते हैं जिससे एनर्जी, प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन शरीर में जा पाते हैं।
बीमारी से ठीक होने के समय कॉमप्लान मदद करता है। प्लेन वनिला कॉमप्लान को पानी में घोलकर सर्जरी के बाद खिलाया जाता है लेकिन इसको ऐसे इस्तेमाल सिर्फ पंजीकृत पोषण विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही करें।

रनरअप- ओजस्विटा

ओजस्विटा में हाई शुगर सामग्री और लो प्रोटीन होने के बावजूद इस लिस्ट में शामिल किया है क्योंकि इसमें शानदार हर्ब का इस्तेमाल किया गया है। दिन में 10 ग्राम, एक या दो बार इस्तेमाल करना बुरा आइडिया नहीं है।

टॉप पिक- 3 से 9 साल के बच्चों के लिए- पीडिया श्योर

पीडिया श्योर

पीडिया श्योर में कैलोरी और प्रोटीन की मात्रा होने के कारण यह हमारा टॉप पिक है।

मात्रा- 400 ग्राम, कीमत- 520/- रुपए*

*कीमत रिव्यू के समय

किन कारण से पीडिया श्योर हमारा टॉप पिक है
पीडिया श्योर
को 18 साल की उम्र तक इस्तेमाल कर सकते हैं। इस ड्रिंक को अकेले भी पीया जा सकता है इसको दूध में मिलाने की जरुरत नहीं है।
इसमें सबसे कम शुगर सामग्री है।
पीडिया श्योर खेल-कूद के बाद लेने के लिए अच्छी ड्रिंक है।
इसको बीमारी के दौरान या फिर बीमारी से ठीक होने के समय में ले सकते हैं जब खाना-पीना थोड़ा बिगढ़ जाता है।
एक दिन में दो बार 45 ग्राम सेवन करना सही है।

रनरअप- जूनियर प्रोटिनेक्स

हमारा रिव्यू प्रोसेस

इस रिव्यू के लिए 8 ब्रांड को चुना गया है। सभी ब्रांड के चॉकलेट फ्लेवर को चुना गया है।

इस रिव्यू के लिए हमने रूपाली दत्ता (कंसल्टेंट न्यूट्रिशनिस्ट, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स) के दिशा निर्देश लिए हैं जो क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट हैं और इनको आहार और पोषण क्षेत्र में लगभग दो सदी का अनुभव है। रूपाली ने हमें रिव्यू के लिए जरुरी फैक्टर तय करने में मदद की है और हमने प्रोसेस को इनकी निगरानी में बनाया है। साथ ही इस रिव्यू की मुख्य लेखिका भी रूपाली दत्ता हैं।

हमने सभी ब्रांड की एनर्जी और प्रोटीन सामग्री टेस्ट की है क्योंकि इनका सेवन करना का यही मुख्य कारण होता है। और शुगर सामग्री के कारण बच्चों के बीच में मोटापा बढ़ता जा रहा है।

इस रिव्यू के लिए हम भारत में आसानी से मिलने वाली हेल्थ ड्रिंक लेकर आएं हैं और इनके सील पैकेट को FICCI- FRACS में भेजे गया जो एनएबीएल मान्यता प्राप्त लैब है और ब्लाइंड टेस्टिंग में कड़े नियमों का पालन करता है। सभी ब्रांड के हेल्थ ड्रिंक को टेस्ट करते समय लैब सहायकों को भी नहीं पता था कि यह कौन- सी ब्रांड के ड्रिंक्स हैं। इन्होंने प्रोसेस की चेन बनाई जिससे रिजल्ट आने में किसी तरह का भेद- भाव ना हो। यह अपने प्रोसेस का रिकॉर्ड भी बनाते हैं जिसका ऑडिट किया जा सकता है।

ब्रांड रिव्यूड

रिव्यू के विजेताओं को हमने पोषण आहार, जरुरत और उम्र के अनुसार कैटेगरी में बांटा है। एनर्जी ड्रिंक को दो कैटेगरी में बांटा गया है-

बेस्ट हेल्थ ड्रिंक भारत में- मिश्री रिव्यू

कैटेगरी 1- बड़े बच्चों के लिए

कैटेगरी 2- यह ड्रिंक्स 3-9 साल के बच्चों के लिए है

यह रिव्यू किसके लिए है और क्या हेल्थ ड्रिंक खाने की जगह ले सकती हैं?

भारत में हेल्दी ड्रिंक्स को लेकर बहुत उछाल आया है खासकर बच्चों के बीच में क्योंकि व्यस्त लाइफस्टाइल होने से बच्चों की सेहत को नज़रअंदाज नहीं कर सकते हैं।

हालांकि सभी पाउडर जांच में सफल रहे हैं लेकिन इसके बावजूद हम यह कहना चाहेंगे कि ताज़ा प्राकृतिक होल फूड से अच्छा बच्चों के लिए कुछ भी नहीं हो सकता है। इसलिए बादाम का दूध, बनाना शेक, मैंगो लस्सी खाने के बीच में या फिर खेलने के बाद जरुरी आहार देने के लिए काफी है।

आहार को पूरा करने के लिए इनको सिर्फ जरुरत के समय ही इस्तेमाल करना चाहिए। इनको बैलेंस मील और सेहतमंद स्नैक्स की जगह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। ज्यादा मात्रा में रोज़ाना इनका सेवन करना अच्छा नहीं हो सकता है क्योंकि इनमें आर्टिफिशियल फ्लेवर और रंग, विटामिन और मिनरल्स कैमिकल के रूप में पाए जाते हैं जैसे कि टैबलेट आदि। सभी हेल्थ केयर वाले, प्रोटीन पाउडर के मुकाबले घर में बनी बेसन की पिन्नी, पंजीरी, पीनर का टुकड़ा, अंडे खाने की सलाह देते हैं।

हेल्थ ड्रिंक सामान्य बैलेंस डाइट में थोड़ी बहुत आहार की कमी के फासले को कम करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। मुख्य तौर पर देखा जाए तो इन ड्रिंक्स को प्रोटीन और माइक्रोन्यूट्रिएंट शामिल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इन ड्रिंक्स को आहार की पूर्ती करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है लेकिन यह खाने की जगह नहीं ले सकते हैं। अगर आपका बच्चा खाना नहीं खा रहा है तो आहार पूर्ती के लिए इन ड्रिंक्स के पास सबसे पहले जाना कोई हल नहीं है।

लेकिन अगर आप चिप्स के पैकेट और बर्गर के साथ इन ड्रिंक्स की तुलना करेंगे तो दूध में इन ड्रिंक्स को मिलाकर पीना ज्यादा अच्छा ऑप्शन है। खासकर तब जब आपका बच्चा खाना खाते समय नखरे दिखाता है।

रिव्यू करते समय किन बातों का ध्यान रखा गया है

इन ड्रिंक्स को मुख्य तौर पर ग्रोथ के लिए इस्तेमाल किया जाता है इसलिए हमने इनको एनर्जी और प्रोटीन सामग्री के लिए टेस्ट किया है। इनकी शुगर सामग्री का भी ध्यान रखा गया है क्योंकि ज्यादा मीठे पदार्थ खाने से बच्चों में मोटापा बढ़ सकता है।

हमने एनर्जी और शुगर सामग्री की जांच क्यों की है- अधिकतर ड्रिंक्स बढ़ने के लिए एनर्जी की बात करते हैं। इसी से हमें यह आइडिया आया है कि क्या सच में इनको लेने से बच्चों में एनर्जी को लेकर कोई फर्क पड़ता है या नहीं। शुगर सामग्री एनर्जी सामग्री का एक हिस्सा है जो एनर्जी लेने का अच्छा आधार नहीं है। सही मायने में देखा जाए तो हेल्दी माल्ट से एनर्जी प्राप्त करना काफी है।

बच्चों में और किशोर अवस्था में हड्डियां और मांसपेशियां बहुत जल्दी बढ़ती हैं। सेहतमंद आहार से भरपूर डाइट का मतलब सिर्फ सेहतमंद शरीर नहीं होता है लेकिन इसके साथ ही सेहतमंद खाने का स्वाद और ताज़ा सामग्री, कम शुगर और फैट भी होता है। लड़कियों में मिनरल्स और कैल्शियम मुख्य भूमिका निभाते हैं। इस उम्र के बच्चों की भूख अच्छी होती है। सेहतमंद खाना और आहार से भरपूर स्नैक्स देने पर बच्चों को मोटापा, एनसीजी से बचाया जा सकता है और सही तरीके और समय पर खाने पर भी ध्यान देना बहुत जरुरी है।

प्रोटीन सामग्री- हड्डियों और बाकी अंगों के विकास के लिए सही मात्रा में प्रोटीन की जरुरत होती है जिससे शरीर सेहतमंद बनता है।

कैलोरी वैल्यू– हर बच्चे को अपने वजन के अनुसार ग्रोथ के लिए एनर्जी चाहिए होती है। बच्चों का पेट छोटा होता है इसलिए बार-बार छोटी मात्रा में खाना देना ज्यादा लाभदायक होता है। यहां पर सही स्नैक्स चुनना जरुरी हो जाता है। उन फूड्स को चुनना चाहिए जो कैलोरी के साथ-साथ बाकी आहार भी देने में मदद करें जिससे बच्चों में खाने को लेकर सेहतमंद स्वाद बन सके।

3 से 9 साल के स्कूल जाने वाले बच्चों में एनर्जी की ज्यादा जरुरत होती है इसलिए ग्रोथ और गतिविधियों के लिए इनका पेट भरा रहना चाहिए। 6 साल तक के बच्चों को छोटी-छोटी मात्रा में बार-बार खाने की जरुरत होती है। इस उम्र में बच्चों को बड़ों की तरह खाना खाने की आदात के बारे में पता चलता है। एनर्जी प्राप्त करने के सेहतमंद आधार होने चाहिए जिससे फाइबर बढ़ने में मदद मिले जिससे कुछ समय बाद फैट भी कम हो जाता है। सेहतमंद तरीके से शरीर के विकास के लिए प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स बहुत जरुरी होते हैं।

शुगर सामग्री- थोड़ी कैलोरी लेने के लिए शुगर सही है लेकिन ज्यादा मात्रा में शुगर का सेवन करने से बिना आहार के खाली कैलोरी मिलती है। ऐसा होने से बच्चे ज्यादा मीठे पादर्थ की ओर जाते हैं जिससे मोटापा और गैर-संचारी रोग (non-communicable diseases) होने की आशंका बढ़ जाती है।

हम समझते हैं कि बचपन में खाने का स्वाद बहुत अहम होता है लेकिन उतना ही स्वाद काफी होता है जिसमें खाली कैलोरी ना मिले। इसके अलावा बच्चों में मीठे खाने का स्वाद बढ़ाना नहीं चाहिए।

रिजल्ट

टॉप पिक- बड़े बच्चों के लिए- बूस्ट

बूस्ट

बूस्ट में सबसे ज्यादा मात्रा में प्रोटीन पाया गया है जिस कारण से यह बच्चों के दूध में फ्लेवर लाने के लिए रोज़ाना इस्तेमाल करने के लिए अच्छा ऑप्शन है।

मात्रा- 450 ग्राम, कीमत- 230/- रुपए*

*कीमत रिव्यू के समय

टॉप पिक- 3 से 9 साल के बच्चों के लिए- पीडिया श्योर

पीडिया श्योर

पीडिया श्योर में कैलोरी और प्रोटीन की मात्रा होने के कारण यह हमारा टॉप पिक है।

मात्रा- 400 ग्राम, कीमत- 520/- रुपए*

*कीमत रिव्यू के समय

हर बच्चे की आहार की जरुरत अलग- अलग होती है। इस आर्टिकल का कोई भी हिस्सा प्रमाणित चिकित्सा व्यवसायी की सलाह को बदलने के लिए नहीं कह रहा है।

*अगर आप हमारे रिव्यू से सेहमत हैं तो लाइक करें और अगर नहीं तो बताएं क्यों।
अगर आप कोई प्रोडक्ट रिव्यू करवाना चाहते हैं तो यहां बताएं।

*फूड एंड बेवरेज में रोज़ाना कुछ न कुछ नया आता रहता है। हमारे रिव्यू आपको किचन का सामान खरीदनें में मदद करेंगे।
*हमारे रिव्यू निष्पक्ष हैं और रिव्यू के लिए सभी प्रोडक्ट हमारे द्वारा खरीदें गए हैं। इससे जुड़ी सारी जानकारी आप यहां से पढ़ सकते हैं।
*इस रिव्यू के लिए किसी भी ब्रांड ने स्पान्सर नहीं किया है। सभी खर्चा हमारे द्वारा किया गया है।

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