फटाफट डाइजेस्टिव पिल्स: #फर्स्टइंप्रेशन (Fatafat Digestive Pills: #FirstImpressions)
फटाफट डाइजेस्टिव पिल्स (Fatafat Digestive Pills) खाने से आपको अपने बचपन का स्वाद याद आ जाता है। इस प्रोडक्ट के साथ इतनी सारी यादें जुड़ी हैं कि यह हमारा काम आसान कर देता है।
अगर आपने अपने बचपन में फटाफट की वो छोटी और गोल आकार की गोलियां नहीं खाई हैं जो तीखी, खट्टी और फ्लेवर से भरपूर होती है, तो शायद आपका बचपन मज़ेदार नहीं रहा है। सच कहें तो फटाफट की इन गोलियों के साथ बचपन की कई यादें जुड़ी हुई हैं और अब फिर से हम इन गोलियों को टेस्ट करना चाहते हैं। क्या आपको पता है फटाफट को खाने के बाद डायजेशन के लिए खाया जाता है। हम यकीन के साथ कह सकते हैं कि बचपन में आपको यह बात नहीं पता थी जब आप इन गोलियों को भरपूर मात्रा में खाते थे। असलियत में फटाफट कैंडी को पेट में आराम और खाने को पचाने के लिए खाया जाता है। इस दावे की जांच करना ना मुमकिन के बराबर है लेकिन फिर भी इसका स्वाद कैसा है? इसका एक पैकेट खरीदने के बाद इसके स्वाद के बारे में बताना आसान है।
विषय सूची
फटाफट डाइजेस्टिव पिल्स (Fatafat Digestive Pills) से जुड़ी जरुरी बातें
*पैकेजिंग पर दी गई जानकारी के अनुसार
- इसमें जीरा, अजवाइन और तरल ग्लूकोज डाला गया है।
- इसको खाने के बाद डाइजेस्टिव जूस अच्छे से काम करते हैं।
- खाना खाने के बाद 2 से 3 गोली खाएं।
- इसमें खाने में डालने वाले रंग का इस्तेमाल किया गया है।
फटाफट डाइजेस्टिव पिल्स (60 पैक X 12 ग्राम)
यह आयुर्वेद के तरीके से भारतीय मसालों के इस्तेमाल से बनाई गई है। इसमें आर्टिफिशियल और प्रोसेसड कैमिकल नहीं डाले गए हैं।
मात्रा- 299/- रुपए*
*कीमत रिव्यू के समय
#फर्स्टइंप्रेशन फटाफट डाइजेस्टिव पिल्स
फटाफट डाइजेस्टिव पिल्स खाने से आप अपने बचपन में चले जाते हैं। इस प्रोडक्ट के साथ इतनी सारी यादें जुड़ी हैं कि यह हमारा काम आसान कर देता है।
हमें यह काले रंग की गोलियां बहुत स्वादिष्ट लगी। इसको हमने कई सालों के बाद टेस्ट किया है और सबसे पहले यह लोकल किराना स्टोर पर मिलती थी।
जिन लोगों ने फटाफट की गोलियां बचपन में खाई हुई हैं उन लोगों को इनको दोबारा खाना अच्छा लगेगा। लेकिन जो लोग पहली बार यह गोलियां खाएंगे उन लोगों के लिए यह सामान्य गोली लगेगी क्योंकि आज के समय में इस तरह की गोलियां बहुत आसानी से हर जगह उपलब्ध हैं।
अगर फटाफट के स्वाद के बारे में बात करें तो इसका स्वाद सामान्य डाइजेस्टिव गोली से ऊपर है। साथ ही इससे भारतीय फ्लेवर के चूरन और हाजमा- गोली की यादें ताज़ा हो जाती हैं। यह हलकी मीठी है और असली खट्टापन तब आता है जब आप गोली को काटकर खाते हैं। गोलियों को काटकर खाने से आपके मुंह में कई सारे फ्लेवर का तूफान आ जाता है जिससे आपकी आंखें बंद हो जाती हैं जैसे पुराने दिनों में हो जाती थी।
शायद आप इसको स्वाद या फिर डाइजेस्टिव खूबी के लिए ना खरीदें लेकिन इससे जुड़ी यादों को वापस जीने के लिए जरुर खरीद सकते हैं। और यह फैसला गलत नहीं होगा।
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