सर्वश्रेष्ठ चकला रोजाना उपयोग के लिए- मिश्री 2022
रोजाना इस्तेमाल करने के लिए बेहतरीन चकला कौन- सा है? हमने मार्बल, प्लास्टिक, ग्रेनाइट और लकड़ी के चकला टेस्ट किए हैं।
प्रेशर कुकर और मसालदानी की तरह हिंदुस्तानी किचन में चकला- बेलन महत्वपूर्ण हिस्सा है। इनमें से अधिकतर लंबे समय तक इस्तेमाल होने के लिए बने हैं। जिस गति के साथ इनका इस्तेमाल किया जाता है उसके मुकाबले इनके साथ कम ही दिक्कतें देखने को मिलती हैं।
रोजाना रोटी और पराठे बनाने के लिए बेस्ट चकला का पता लगाने के लिए हमने चार प्रकार के चकला रिव्यू में शामिल किए हैं। रिव्यू के दौरान हमने डिजाइन, साफ करने में आसानी और उपयोग करते समय चकला कितना स्थिर है जैसी बातों पर ध्यान दिया है। बेस्ट चकला रिव्यू में मार्बल, ग्रेनाइट, प्लास्टिक और लकड़ी के चकला शामिल किए गए हैं।
और हमारा यह कहना है।
हमारे रिव्यू फैक्टर
सर्वश्रेष्ठ चकला का पता लगाने के लिए हमने कई रिव्यू फैक्टर पर ध्यान दिया है और इनसे जुड़ी विस्तार से जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
1. उपयोगिता
चकला का उपयोग रोटी, पराठा और आटे से कई डिश बनाई जाती है। कई बार चकला का इस्तेमाल कुछ काटने के लिए भी किया जाता है जैसे कि नमक पारे, मठरी, मालाबारी रोटी, पापड़ी आदि।
- रोलिंग- इसकी सतह कैसी है? क्या आटे से रोटी/ पराठा बनाना आसान है? क्या आटा सतह पर चिपक जाता है?
- स्थिरता- क्या आटा से रोटी बनाते समय चकला डगमगा या हिल रहा था?
2. डिजाइन
इस फैक्टर में चकला का वजन और व्यास (diameter) पर ध्यान दिया गया। चकला के कितने पैर हैं और यह इसके व्यास (diameter) को स्पोर्ट करने जितना बड़ा है?
3. सफाई और रखरखाव
सारा काम करने के बाद चकला साफ करना कितना आसान है? क्या यह मुलायम हाथ से साफ हो जाता है या मेहनत की जरूरत है? क्या इस्तेमाल करने के बाद इस पर निशान पड़ जाते हैं?
हमारा रिव्यू प्रोसेस
हमारा रिव्यू प्रोसेस 8 हफ्ते तक चला था। हमने सभी चकला का इस्तेमाल टेस्ट किचन में आधा दर्जन रोटी और कुछ पराठे बनाने के लिए किया था। हर बार इस्तेमाल करने के बाद इन्हें साफ और सुखाया गया था। रोजाना इस्तेमाल और सुखाने से हमें यह पता चला कि इंडियन किचन में यह कैसा प्रदर्शन करेंगे।
हमने सभी चकला पर एक ही बेलन का इस्तेमाल किया है।
सर्वश्रेष्ठ रोटी चकला रिव्यू
सर्वश्रेष्ठ रोटी चकला की अच्छी बातें, खामियां से जुड़ी विस्तार से जानकारी यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
1. मार्बल
सभी चकला में से मार्बल चकला सबसे भारी है जिसका वजन 2284 ग्राम है। इस चकला में पैर नहीं है और यह एक सिंगल पीस है जिससे यह टिकाऊ बनता है।
इसकी सतह स्मूथ है और नीचे से यह थोड़ा खुरदुरा है जिससे चकला एक जगह पर रहता है और फिसलता नहीं है। पराठा आसानी से बन जाता है और चकला पर आटा चिपकता नहीं है लेकिन रोटी थोड़ी चिपक जाती है। हम सलाह देते हैं कि सतह पर थोड़ा तेल लगाएं या सूखा आटा डालें जिससे आसानी से रोटी बन जाए।
इसे साफ, सुखना और इसका रखरखाव करना बेहद आसान है। स्पंज से अच्छे से सफाई हो जाती है।
- चकला टिकाऊ है।
- हमें यह पसंद आया कि चकला हिलता नहीं है और प्रेशर देने पर डगमगाता भी नहीं है।
- साफ करना आसान
- मुलायम सतह
- रोटी का आटा थोड़ा चिपक जाता है। आटा की स्थिरता के अनुसार आप चकला पर तेल या सूखा आटा लागकर रोटी बना सकते हैं।
रोजाना रोटी, पराठा आदि बनाने के लिए मार्बल और ग्रेनाइट चकला बेस्ट होते हैं। इसका उपयोग कभी- कभी चॉपिंग प्लेटफॉर्म की तरह बिना निशान होने के डर के साथ कर सकते हैं।
2. ग्रेनाइट
हरे रंग के चकला का वजन 1879 ग्राम है और इसका व्यास 8.5 इंच है। सभी चकला में से यह दूसरे नंबर पर सबसे भारी चकला है जो डगमगाता नहीं है। इसके पैर नहीं हैं और सिर्फ गोल चकला है जिससे यह अपनी जगह से हिलता नहीं है। चकला पर प्रेशर लगाने के बाद भी यह डगमगाता नहीं है। इसे साफ और रखरखाव करना आसान है।
- स्थिर। यह डगमगाता या हिलता नहीं है।
- टिकाऊ
- इसकी सतह स्मूथ है और काम करने में आसान है।
- साफ करने में आसान।
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3. प्लास्टिक
प्लास्टिक चकला बहुत हल्का (485 ग्राम) और पतला है। इसके त्रिकोण तीन पैर हैं (1 सेंटीमीटर लंबाई) और यह फिसला नहीं है।
यह चकला इस्तेमाल करने का हमारा अनुभव अच्छा है। यह टिकाऊ है और अच्छी क्वालिटी के प्लास्टिक से बना है। यह रोटी बनाते समय फिसलता नहीं है। अगर आप एक तरफ ज्यादा प्रेशर लगाते हैं तो यह थोड़ा टेढ़ा हो जाता है लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता है।
2 हफ्ते बाद हमने देखा कि इसकी सतह पर जो टैप लगी थी जिससे यह फिसलता नहीं था वो निकलने लग गई थी। जिसका मतलब है कि इसका इस्तेमाल रोजाना रोटी/ पराठा बनाने के लिए लंबे समय तक नहीं किया जा सकेगा।
- इसकी सतह स्मूथ है।
- साफ और इस्तेमाल करने में आसान।
- फिसलता नहीं है।
- हल्का होने के कारण अगर आप एक तरफ ज्यादा प्रेशर लगाएंगे तो यह टेढ़ा हो जाता है।
- इसके पैर पर जो टैप लगी थी जिससे यह फिसलता नहीं है वो 2 हफ्तों के बाद उतरने लगी थी।
4. लकड़ी
हमारे लिए लकड़ी के चकला का डिजाइन सही नहीं था क्योंकि यह बहुत डगमगा रहा था। कम प्रेशर से रोटी बनाने पर भी चकला हिल रहा था। इसके तीन पैर इसे स्थिर नहीं बना रहे थे।
चकला का इस्तेमाल कई बार चॉपिंग या काटने के लिए किया जाता है और ऐसे में चकले पर निशान पड़ जाते हैं। चकले पर निशान पड़ने के बाद यह बैक्टीरिया का घर बन जाते हैं जिस वजह से बाकी के मुकाबले यह लंबे समय तक इस्तेमाल करने वाले ऑप्शन में से नहीं है। इसे धोने और सुखने में ज्यादा समय लगता है।
इसका वजन 683 ग्राम है इसका व्यास 9 इंच है। इसके तीन पैर हैं (2×2 सेंटीमीटर)।
- बाकी चकला जितना स्थिर नहीं है। यह हमारे रिव्यू में बहुत डगमगा रहा था।
- सूखने में बहुत समय लगता है।
- अगर इस पर कुछ रखकर काटेंगे तो निशान पड़ जाते हैं जो आगे चलकर बैक्टीरिया का घर बन सकते हैं।
FAQs
बेस्ट रोटी चकला से जुड़े दिलचस्प सवालों के जवाब यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
इस विषय के संबंध में किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है और हमने इन्हें डिशवॉशर में ट्राई नहीं किया है। इन्हें हाथ से धोना ही बेस्ट है।
हां, सभी चकला स्मूथ हैं। कुछ समय बाद लकड़ी का चकला खुरदुरा हो सकता है अगर इसका रखरखाव सही से नहीं किया गया।
नहीं। ग्रेनाइट खाने के साथ रिएक्टिव नहीं होते हैं।
अधिकतर किचन टूल और अप्लायंस की तरह चकला के साथ ट्रैवल किया जा सकता है।
सारांश
हम मार्बल और ग्रेनाइट चकला की सलाह देते हैं क्योंकि यह टिकाऊ होते हैं। इन पर काम करना आसान होता है और इन्हें लंबे समय के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके साथ ही इन्हें साफ और संभालकर रखना आसान हो जाता है।
रिव्यू पर काम करने वाली टीम
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*हमारे रिव्यू निष्पक्ष हैं और रिव्यू के लिए सभी प्रोडक्ट हमारे द्वारा खरीदें गए हैं। इससे जुड़ी सारी जानकारी आप यहां से पढ़ सकते हैं।